शहद बनाते समय मधुमक्खियां इसमें खास तरह का एंजाइम का प्रयोग करती है जिससे शहद हजारों सालों तक खराब नही होता है,यहां तक कि शहद खतम हो जाने के बाद जो छत्ता बच जाता है उसका इस्तेमाल शहद से भी अधिक होता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता जिससे खाने से इम्यूनिटी बढ़ती है। शहद को अमृत के साथ जोड़ा जाता है क्योंकि इसमें भरी मात्रा पोषण गुड़ और पोषण तत्व पाए जाते है।शहद प्राकृतिक द्वारा दिया गया एक मीठा पदार्थ ही नहीं जो हमारे घरों में खाने के लिए प्रयोग किया जाता है। बल्कि त्वचा की देखभाल और बालों की देखभाल, मोटापा,शरीर में ताकत और इसमें पाए जाने वाली एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज हमारे शरीर से इन्फेक्शन को भी खतम करता है। और इसमें भरपूर मात्रा में पोषण मिलता है। इसमें पाए जाने वाला रोगाणुरोधी और एंटीऑक्सीडेंट गुड़, हमारे शरीर को बेहतर से और बहतरीन बनाने मदद करते हैं। शहद का इस्तेमाल ना की सिर्फ घरो में करते है,बल्कि इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक और यूनानी चिकित्सा में भी होता हैं। हम आपको इस ब्लॉग में बताएंगे की खाने से हमारे शारीरिक स्वस्थ पर क्या प्रभाव पड़ेगा। ये पदार्थ मधुमक्खी द्वारा फूलो में पाए जाने वाले रस को चूस कर बनाया जाता है।शहद दुनिया में पाए जाने वाला एक ऐसा रसायनिक संरचना है, जो इंसानों के खून की तरह जाती दिखता है अगर इसमें कुछ चीजें बदल दी जाय तो ये इंसानों के खून की तरह दिखे गा
शहद के लाभ